इस लेख में हम Vastu Purusha या Vastu Purusha Mandala, Vastu Purusha Mandala Story , Vastu Purusha position तथा Vastu Purusha in Home के बारे में विस्तार से समझेंगे।
VASTU PURUSHA:
वास्तुशास्त्र हमें किसी भी जगह के सम्बन्ध में उसकी ऊर्जा इत्यादि के बारे में समझाता हैं , किसी भी जगह का वास्तु वास्तुपुरुष से सम्बंधित होता हैं। क्योकि वास्तुपुरुष ही समस्त दिशाओं व देवताओं पर अपना प्रभाव डालते हैं। उनका प्रभाव किसी भी जगह चाहें वह घर हो या कोई और जगह , सभी जगह पड़ता हैं। पुराने समय से ही वास्तुपुरुष के बारे में हमारे पुराणों में बताया गया हैं।
पृथ्वी पर स्तिथ हर एक वस्तु में ऊर्जा होती है वह नकारात्मक या सकारात्मक कुछ भी हो सकती हैं , परन्तु यह किस चीज पर निर्भर करती है तथा इसके नियम क्या है उसके बारे में जानने के लिए वास्तुपुरुष के सम्बन्ध में विस्तार से जानना जरुरी है इसलिए सबसे पहले हम वास्तुपुरुष की कहानी के बारे में जानते हैं।
वास्तुपुरुष की कहानी (Story of Vastu Purusha):
ऐसा कहा जाता है की पुराने समय में अंधकासुर (जोकि शिव जी का पुत्र था ) और भगवान शिव के बीच युद्ध छिड़ गया। युद्ध के दौरान भगवान शिव के शरीर से पसीने की बूंद गिरी जिससे एक राक्षस पैदा हुआ उसका नाम था — वास्तुपुरुष।
युद्ध के दौरान इस राक्षस ने भगवान शिव से वरदान माँगा की वह भूखा है तो क्या वह अपनी भूख मिटा सकता है ? भगवान शिव न उसे हा बोल दिया। इसके बाद वह राक्षस पृथ्वी पर स्तिथ सभी चीजों को खाने लगा। ऐसा करते देख सभी भगवान सृस्टि के रचयता भगवान ब्रह्मा के पास पहुंचे। और उनसे चिंतित होकर बोले की इस प्रकार यह राक्षस सभी चीजों को खा जायेगा कृपा कुछ करें।
तब भगवान बह्मा ने सभी 44 देवताओं को बोला की तुम सभी इस राक्षस को इस प्रकार से दबा दो की इसका मुख ईशान कोण में हो। ऐसा सुन सभी देवताओं ने यही किया। ऐसा करने पर वास्तुपुरुष ने भगवान ब्रह्मा से पूछा की में भूखा हूँ आप सबने मेरे साथ ऐसा क्यों किया तो भगवान ब्रह्मा ने कहा की पृथ्वी लोक पर जोभी मनुष्य कोई भी निर्माण करेगा उसको आपकी पूजा करनी अनिवार्य होगी और आपके नियमों के अनुसार निर्माण करना होगा।
तभी से वास्तुपुरुष हर एक जगह में वास करते है और जोभी जगह उनके नियमों के विपरीत बनी हो उसपर अपना नकारात्मक प्रभाव डालते हैं।